मोटर इंश्योरेंस के संबंध में तीन पक्ष (Parties) होते हैं —
A. First Party (प्रथम पक्ष):
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वह पक्ष (व्यक्ति या संस्था) जो कि जो बीमा खरीदता है वह First Party (प्रथम पक्ष) होता है। बीमा के संबंध में बीमा ग्राहक को प्रथम पक्ष माना गया है।
B. Second Party (द्वितीय पक्ष):
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वह पक्ष, जो कि बीमा पॉलिसी बेचता है वह Second Party (द्वितीय पक्ष) होती है। बीमा के संबंध में बीमा कंपनी को द्वितीय पक्ष माना गया है।
C. Third Party (तृतीय पक्ष):
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बीमा ग्राहक और बीमा कंपनी के अलावा कोई अन्य व्यक्ति या संपत्ति जो कभी भी किसी वाहन दुर्घटना के चपेट में आ सकता है उसे इन्श्योरेन्स के संबंध में थर्ड पार्टी कहा जाता है अर्थात Third Party (तृतीय पक्ष) वह है जिसे कभी आपके वाहन की टक्कर से नुकसान पहुंच
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस ऐसी बीमा पॉलिसी होती है, जिसका फायदा न तो बीमा करवाने वाले कस्टमर (प्रथम पक्ष = First Party) को होता है और न ही बीमा करने वाली कंपनी (द्वितीय पक्ष = Second Party) को होता है बल्कि इस बीमा का फायदा, अलग किसी अन्य क्षतिग्रस्त होने वाले व्यक्ति Third Party या सम्पत्ति को होता है। इसमे उस अन्य व्यक्ति या संपत्ति को हर्जाना मिलेगा, जिसे आपके वाहन से नुकसान पहुंचा है। इसमें आपको या आपके वाहन को हुए नुकसान का कोई क्लेम नहीं मिलेगा।