चलो ऐसा फिर कुछ यत्न करो,
इस साल आप ‘इक्कीस’ रहो।
ना द्वेष रखो ना मनभेद करो,
निज लक्ष्य निरन्तर भेद करो
निज गौरव का उत्थान रहे
हम आपके हैं यह ध्यान रहे
कुछ आप कहो, कुछ मेरी सुनो,
इतना बस अधिकार बनाए रखो।

चलो ऐसा फिर कुछ यत्न करो,
इस साल आप ‘इक्कीस’ रहो।
ना द्वेष रखो ना मनभेद करो,
निज लक्ष्य निरन्तर भेद करो
निज गौरव का उत्थान रहे
हम आपके हैं यह ध्यान रहे
कुछ आप कहो, कुछ मेरी सुनो,
इतना बस अधिकार बनाए रखो।