
तुम गए जबसे, कुछ पास नहीं मेरे,
कितने मौसम आये बदले..
आंखें बरसात है घेरे।।
थी तमन्ना ऊँगली थामुं…
जेब टोलूँ मैं।
चाट खा लूं ..डांट खा लूं…
बातें कर लूं दो…गोद में तेरे।।
पर ये मुमकिन हो सका ना,
यादें डाले हैं डेरे…..।
तुम गए जबसे,कुछ पास नहीं मेरे,
कितने मौसम आये बदले..
आंखें बरसात है घेरे..।।
✍🏻कन्हैया