और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
– फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे इक ख़ूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा
– साहिर लुधियानवी
जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा
किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता
वसीम बरेलवी
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं
हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं
जिगर मुरादाबादी
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों
बशीर बद्र
कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं
नाख़ुदा जिन का नहीं उन का ख़ुदा होता है
अमीर मीनाई
उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए
कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए
इरफ़ान सिद्दीक़ी
न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा
राहत इंदौरी
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो
निदा फ़ाज़ली
तिरे माथे पे ये आँचल बहुत ही ख़ूब है लेकिन
तू इस आँचल से इक परचम बना लेती तो अच्छा था
असरार-उल-हक़ मजाज़
हयात ले के चलो काएनात ले के चलो
चलो तो सारे ज़माने को साथ ले के चलो
मख़दूम मुहिउद्दीन
घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए
निदा फ़ाज़ली
रास्ता सोचते रहने से किधर बनता है
सर में सौदा हो तो दीवार में दर बनता है
जलील ’आली’
चला जाता हूँ हँसता खेलता मौज-ए-हवादिस से
अगर आसानियाँ हों ज़िंदगी दुश्वार हो जाए
असग़र गोंडवी
कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन
फिर इस के ब’अद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर
निदा फ़ाज़ली
प्यासो रहो न दश्त में बारिश के मुंतज़िर
मारो ज़मीं पे पाँव कि पानी निकल पड़े
इक़बाल साजिद
एक हो जाएँ तो बन सकते हैं ख़ुर्शीद-ए-मुबीं
वर्ना इन बिखरे हुए तारों से क्या काम बने
अबुल मुजाहिद ज़ाहिद
तीर खाने की हवस है तो जिगर पैदा कर
सरफ़रोशी की तमन्ना है तो सर पैदा कर
अमीर मीनाई
हार हो जाती है जब मान लिया जाता है
जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है
शकील आज़मी
देख ज़िंदाँ से परे रंग-ए-चमन जोश-ए-बहार
रक़्स करना है तो फिर पाँव की ज़ंजीर न देख
मजरूह सुल्तानपुरी
सूरज हूँ ज़िंदगी की रमक़ छोड़ जाऊँगा
मैं डूब भी गया तो शफ़क़ छोड़ जाऊँगा
इक़बाल साजिद
भँवर से लड़ो तुंद लहरों से उलझो
कहाँ तक चलोगे किनारे किनारे
रज़ा हमदानी
रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग़
कम से कम रात का नुक़सान बहुत करता है
इरफ़ान सिद्दीक़ी
इत्तिफ़ाक़ अपनी जगह ख़ुश-क़िस्मती अपनी जगह
ख़ुद बनाता है जहाँ में आदमी अपनी जगह
अनवर शऊर
पैदा वो बात कर कि तुझे रोएँ दूसरे
रोना ख़ुद अपने हाल पे ये ज़ार ज़ार क्या
अज़ीज़ लखनवी
इधर फ़लक को है ज़िद बिजलियाँ गिराने की
उधर हमें भी है धुन आशियाँ बनाने की
अज्ञात
‘शुऊर’ सिर्फ़ इरादे से कुछ नहीं होता
अमल है शर्त इरादे सभी के होते हैं
अनवर शऊर
मत बैठ आशियाँ में परों को समेट कर
कर हौसला कुशादा फ़ज़ा में उड़ान का
महफूजुर्रहमान आदिल
जादा जादा छोड़ जाओ अपनी यादों के नुक़ूश
आने वाले कारवाँ के रहनुमा बन कर चलो
अज्ञात
हयात ले के चलो काएनात ले के चलो
चलो तो सारे ज़माने को साथ ले के चलो
मख़दूम मुहिउद्दीन
अपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़ि़ंदगी
तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन
अल्लामा इक़बाल
भँवर से लड़ो तुंद लहरों से उलझो
कहाँ तक चलोगे किनारे किनारे
रज़ा हमदानी
महफ़ूज़ रहे तेरी आन सदा,
चाहे जान मेरी ये रहे ना रहे
ऐ मेरी ज़मीं, महबूब मेरी
मेरी नस-नस में तेरा इश्क़ बहे
पानी के बुलबुलों का सफ़र जानते हुए
तोहफ़े में दिल न देना था हम ने मगर दिया।
मोम के लोग कड़ी धूप में आ बैठे हैं
आओ अब उन के पिघलने का तमाशा देखें
~ज़फ़र इक़बाल ज़फ़र
ग़र फिरदौस बर रू-ए ज़मीं अस्त
हमीं अस्तो हमीं अस्तो हमीं अस्त
~अमीर खुसरो
If there is a paradise on earth
It is this, it is this, it is this
अपनी छवि बनाई के जो मैं पी के पास गई,
जब छवि देखी पीहू की तो अपनी भूल गई..!!
बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर,
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ….
इक मुलाक़ात हुई वो भी बिछड़ने के लिए
कैमरा टूट गया एक ही तस्वीर के बाद
वो ख़ुद से तो न उट्ठेंगे उन्हें तुम ही उठा देना
घटाई है जिन्हों ने इतनी क़ीमत अपने सिक्के की
~कैफ़ी आज़मी
वो जिस की ठोकर में हो सँभलने का दर्स शामिल
तुम ऐसे पत्थर को रास्ते से हटा न देना
~क़तील शिफ़ाई
शामिल थे ज़िंदगी मे कूछ सस्ते लोग,
बस सबक़ थोड़ा मेहगा देकर चले गए।।
इस उड़ान पर अब शर्मिंदा, में भी हूँ और तू भी है
आसमान से गिरा परिंदा, में भी हूँ और तू भी है
बस यही दो मसले,जिंदगी भर ना हल हुए..
ना नींद पूरी हुई ना ख्वाब मुकम्मल हुए
जला वो शमा कि आँधी जिसे बुझा न सके
वो नक़्श बन कि ज़माना जिसे मिटा न सके
~शफ़ीक़ जौनपुरी
कुछ लिख के सो, कुछ पढ़ के सो, तू जिस जगह जागा सवेरे, उस जगह से कुछ बढ़ के सो। ~
भवानीप्रसाद मिश्र
Like this:
Like Loading...