हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय
घायल की गति घायल जाणै, जो कोई घायल होय
जौहरि की गति जौहरी जाणै, की जिन जौहर होय
सूली ऊपर सेज हमारी, सोवण किस बिध होय
गगन मंडल पर सेज पिया की किस बिध मिलणा होय
दरद की मारी बन-बन डोलूँ बैद मिल्या नहिं कोय
मीरा की प्रभु पीर मिटेगी, जद बैद सांवरिया होय
हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय
स्रोत :
- पुस्तक : मीरा वाणी (पृष्ठ 26)
- रचनाकार : मीरा
- प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
- संस्करण : 2004