थोड़ा तो बदचलन होना लाजमी है मेरे यार
भस्मासुर बहुत हैं! बिन कहे लाज़ लूट लेते हैं।।
©शशि कुमार आँसू
#SKA
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Share Your Happiness : न जाने कल हो न हो!
Happiness is real when it’s shared with whom we are being cared…
शायद हम अटक कर रह जाते है हरदम दुसरो को गलत सिद्ध करने में समय व्यतित कर देते है और समय कब दगा दे जाता है पता नही चलता!!
चलो सबको माफ करो! खुशी के पल को जी भर के जियो! साथ होने का अहसास का आनंद लो। ख़ुद को टेक्नोलॉजी पर ज्यादा कंज़्यूम मत करो… अड़चनों से थोड़ा आगे बढ़ो!
न जाने कल हो न हो!
एक परी दूर जगत की
आते जाते सुना था सबसे
एक परी वो दूर जगत से
बैठ के आयी एक किश्ती में
दूर जहां से एक बस्ती में
मिलेगी मुझसे कब वो डर है
थोड़ा दूर यहां से उसका घर है
चलो तो उसको ढूंढ़ कर लाएं
आरज़ू दिल की सब कह सुनाएं।।
बड़ों को इज़्ज़त दें Stay Concerned – Shashi Kumar Aansoo
आजकल जरुरी नहीं कि किसी की इज्जत पांव छूने से ही की जाए …
उन्हें देखकर अपना मोबाइल एक तरफ रख देना भी बहुत बड़ी इज्जत है..” ~ Ef vB ..
Today it is not essential to touch a persons feet to give respect ; putting your mobile away on seeing them is great respect also
बेकार में भक्ति क्यों?
कश्मीर में मात्र पचीस हजार अतिरिक्त फोर्स भेजी गई है । यह बहुत कम है । पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और सिद्धू के परम प्रिय मित्र ने जब खुले आम स्वीकार कर लिया है कि आतंकिस्तान में चालीस हजार प्रशिक्षित आत्मघाती आतंकवादी भारत की सीमा में सेंध लगाने की ताक में छुट्टा घूम रहे हैं ( जबकि मेरा मानना है कि इमरान खान ने निश्चित रूप से यह संख्या कम बताई होगी ) तो यह मान लेना चाहिए की लगभग चार लाख पाक आतंकी भारतीय सीमा में घुसपैठ की ताक में हैं । दूसरी ओर अफगानिस्तान, सीरिया, फिलिस्तीन इत्यादि जगहों से लतिया कर भगाए गए ISI, अलकायदा, तालिबान और पाकिस्तान की विभिन्न जमातें, दाउद इब्राहिम ग्रूप, कश्मीर के सेपरेटिस्ट, कश्मीरी पत्थरबाज, भारत की हार पर खुशी मनाने वाले नवयुवक, कई राजनीतिक दलों में विदेशी मूल के और वर्णशंकर नेता और उनके समर्थक, चीन और खाड़ी देशों के चंदे पर मौज उड़ाने वाले बौद्धिक आतंकी, अर्बन नक्सली, JNU और AMU जैसे विश्वविद्यालयों के अपनी थाली में खाकर उसी में छेद करने वाले कुछ जाने-माने गद्दार, खुद को छद्मधर्मनिरपेक्ष बताकर बुद्धिजीवी कहलाने का शौक रखने वाले बकलोलों को मिलाकर भारत के अतिसक्रिय दुश्मनों की कुल संख्या लगभग एक करोड़ हो जाती है । इस हिसाब से अभी कश्मीर में कम-से-कम चार से पाँच लाख और सुरक्षाबलों की जरूरत है । देश के विभिन्न भागों में अवस्थित छावनियों में इंतजार कर रहे पारामिलिट्री और सेना के जवानों को अपना जौहर दिखाने का मौका मिलना ही चाहिए । अगर सुरक्षाबलों की कमी महसूस हो तो सभी राज्यों के दस प्रतिशत सुरक्षाबलों की प्रतिनियुक्ति कश्मीर में हो । सेना और अर्धसैनिक बलों की बहाली में तेजी लानी चाहिए । अगर पैसे की कमी महसूस हो रही हो तो मनरेगा और मध्याह्न भोजन योजना जैसी योजनाओं को बंद कर और दो प्रतिशत अतिरिक्त सुरक्षा कर लगाकर सैनिक साजो-सामान की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए । जब कश्मीर में प्रयाप्त मात्रा में सुरक्षा बल और साजोसामान उपलब्ध हो जांय तो एक बार तो बंदूक वाले, पत्थर वाले और विचार वाले आतंकियों की जमकर रगड़ाई होनी ही चाहिए ।
अगर कुछ नहीं हुआ तो भक्त की उपाधि धारण करना बेकार ही है ।
#OperationAllOut
Written By Chandan Kumar
Teacher @ Lakhisarai
Enjoy Your Own Company
What You Do Only Matter
Learnings from Chanakya Neeti – Stay With Perishable First
यो ध्रुवाणि परित्यज्य अध्रुवं परिषेवते ।
ध्रुवाणि तस्य नश्यन्ति चाध्रुवं नष्टमेव हि ॥
01-13
Hindi Translation
जो निश्चित को छोड़कर अनिश्चित का सहारा लेता है, उसका निश्चित भी नष्ट हो जाता है। अनिश्चित तो स्वयं नष्ट होता ही है।
महान चाणक्य नीति के अपने पहले ही अध्याय के तेरहवें श्लोक में बताया गया है कि हम इंसान हर हाथ आई चीज को अपनी ही गलती से गंवा देते हैं। ऐसे मूर्ख सिर्फ प्लानिंग करते रहते हैं और जो चीज उनकी पहुंच में है उसे प्राप्त नहीं करते हुए उन चीजों के पीछे भागते हैं जो कभी उनकी हुई नहीं।
ऐसे लोग हर काम में लापरवाही करते हैं। अपने लक्ष्य विहीन मार्ग पर यूं ही विचरण करते पाए जाते हैं।
आवश्यक यह है कि आप पहले जो आप कर सकते है उसे कटिबद्धता पूर्वक संपन्न करें और एक सुनिश्चित योजना के निहित ही ख़ुद को ड्राइव करें।
English translation:
He who gives up what is imperishable for that which is perishable, Loses that which is imperishable; and doubtlessly loses that which is perishable also.
Learnings from Chanakya Neeti – The Right Time : 4.18
कः कालः कानि मित्राणि को देशः कौ व्ययागमौ ।
कश्चाहं का च मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुहुः ॥
Consider again and again the following: the right time, the right friends, the right place,
the right means of income, the right ways of spending, and from whom you derive your power.
इन बातो को बार बार गौर करे…सही समय, सही मित्र, सही ठिकाना, पैसे कमाने के सही साधन, पैसे खर्चा करने के सही तरीके, आपके उर्जा स्रोत ।
Source: Chanakya Neeti 4.18
करने से होता है – My Podcast
करने से होता है…If you have an instinct to act on a GOAL or an IDEA, immediately START within 5 Seconds else your Idiot Brain will Kill everything.
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Fact that hearts -My Podcast
4 d 1st time in d history of mankind “Need”, “Comfort” & “Luxury” r sold @ same price in India! Onions: Rs 65, Petrol: Rs 65 & Beer: Rs 65″
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